Wednesday, October 6, 2010

संग तेरे जीने-मरने कि फ़रियाद.....

संग तेरे जीने-मरने कि फ़रियाद......
     हर पल किया करते है......

रह नहीं सकते तेरी जिंदगी में तो क्या......
    एक छोटी से 'याद' कि फ़रियाद....
     तेरे दिल में, किया करते है.....

इक दिन तू हो जायेगी किसी और कि....
    बंध जायेगी किसी और से....
दिन हो वो आखिरी मेरी जिंदगी का....
    रब ये यही फरियाद हर पल....किया करते है....

जी नहीं सकते तेरे बिना तो क्या.....
    मिटा देंगे अपनी हस्ती को....
बस तू रहे 'खुश' सदा .....यही आरज़ू इस दिल में...
हर पल रखा करते है.....

2 comments:

abhinav kushwaha said...

kya bat hai sir......

Anonymous said...

gud yaar...:)

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