Tuesday, June 29, 2010

अनुकृति नहीं है........

अनुकृति नहीं है जिसकी वह रूप तुमने पाया,
उपमेय सब सिमट कर उपमान में समाया,
उसके कला की सचमुच अंतिम निखार हो तुम,
अगर रूप की है सीमा, सीमा के पार हो तुम |

तमन्नाएँ तो दिल कि.......

तमन्नाएँ तो दिल कि हसरत होती है, पूरी हो जाए तो हम खुशकिस्मत है,
ना पूरी हो तो ग़म क्या करना.........अधूरी रहना तो तमन्नाओं कि फितरत होती है |

रिश्ते किसी से कुछ यूँ निभा लो, कि उसके दिल से सारे ग़म चुरा लो,
इतना असर छोड़ दो किसी पर इतना कि, हर कोई कहे......हमें भी अपना बना लो |

कशिश दिल कि हर तकलीफ भुला देती है..... बंद आँखों में भी सपने सज़ा देती है,
सपनो कि दुनिया ज़रूर रखना ऐ राही.......
क्योंकि
हकीकत अक्सर रुला देती है |

हम भी प्यार के मारे ....तुम भी प्यार के मारे,
हम भी बेचारे ...तुम भी बेचारे...................,
कहने को तो सारा जहाँ सिमट जाए इस दिल में,
मगर क्या करे जब दिल सिर्फ उन्ही को......सिर्फ उन्हीं को पुकारे.