ज़ख्म पे ज़ख्म लगाए गए मंजर मुझको,
वो मिला भी तो होकर किसी और का मुझको.....
कोई आवाज़ ना कोई अहसास ना क़दमों के निशां,
जिंदगी ने कहाँ फेंका है उठाकर मुझको....
अपने टूटे हुए ख्वाबों को दफना दूं...
फिर ना जाने ले जाए कहाँ मुक्क़द्दर मुझको....
नींद के बोझ से उजड़ी हुयी आँखों कि कसम,
रातभर ग़म में जलाता रहा बिस्तर मुझको.....
ऐ खुदा ऐसी सजा कभी किसी को ना देना.....
मकबरे कि तरह लगता है मेरा ये घर मुझको....
एक एक ज़ख्म वही याद दिलाते है .....
अब तो चाहत से भी लगता है बड़ा डर मुझको....
Tuesday, February 16, 2010
ये सिला मोहब्बत में.......
ये सिला मोहब्बत में आज हमने पाया है,
जिसे चाहा दिल से, उसी ने दिल दुखाया है....
मेरी बदनसीबी का इम्तिहान है ये शायद,
मेरे ही पडोसी ने मेरा घर जलाया है.....
वक़्त जब बिगड़ता है तो रिश्ते टूट जाते है,
तुमने तो सुना होगा, हमने आजमाया है....
पत्थरों कि बारिश भी हो रही थी हम पर,
जब से इस दिल को हमने आईना बनाया है.....
कोई कह दे ये जाकर उस बेवफा सितमगार से,
तेरे दर्द ने मुझ को रात भर रुलाया है....
जिसे चाहा दिल से, उसी ने दिल दुखाया है....
मेरी बदनसीबी का इम्तिहान है ये शायद,
मेरे ही पडोसी ने मेरा घर जलाया है.....
वक़्त जब बिगड़ता है तो रिश्ते टूट जाते है,
तुमने तो सुना होगा, हमने आजमाया है....
पत्थरों कि बारिश भी हो रही थी हम पर,
जब से इस दिल को हमने आईना बनाया है.....
कोई कह दे ये जाकर उस बेवफा सितमगार से,
तेरे दर्द ने मुझ को रात भर रुलाया है....
Monday, February 15, 2010
Valentine's Special
ये दिल तुम बिन अकेला होगा, अधूरी होगी तुझ बिन ये जिंदगी....
अपनी चाहत के साए में संजोये रखना ......... छूट ना जाऊं पीछे वक़्त के इस दरिया में कहीं...|
हर वक़्त तेरे चेहरे के दीदार को ये आँखें तरसती है.....
दीदार बिन लगता है- इस जन्नत का का नज़ारा अधूरा है|
याद आपकी इस क़दर आ रही थी ........
दीदार आपका हुआ और आपकी आँखों में खो गया|
अपनी चाहत के साए में संजोये रखना ......... छूट ना जाऊं पीछे वक़्त के इस दरिया में कहीं...|
हर वक़्त तेरे चेहरे के दीदार को ये आँखें तरसती है.....
दीदार बिन लगता है- इस जन्नत का का नज़ारा अधूरा है|
याद आपकी इस क़दर आ रही थी ........
दीदार आपका हुआ और आपकी आँखों में खो गया|
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